क्या आप भी कुंभ 2025 में नहीं जा पाए – 150 साल बाद बना था ऐसा योग
इस पवित्र योग में, स्नान और दान करके करोड़ों लोगो ने भगवान शिव का आशीर्वाद लिया – कुंभ में भगवान शिव का आशीर्वाद का अलग महत्त्व है
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
महाकुंभ का पवित्र योग – जहां हर कर्म बन जाता है पुण्य!
कुंभ मेला एक ऐसा समय होता है जब देवता स्वयं पृथ्वी पर आते हैं। स्नान, दान और पूजा के फल इस समय अनंत गुना हो जाते हैं। इस पवित्र समय में 5 मुखी रुद्राक्ष धारण करना या दान करना बनाता है आपका जीवन सफल।
माना जाता है कि भगवान शिव की भक्ति में 5 मुखी रुद्राक्ष का बहुत ही ज्यादा महत्व होता है। जो व्यक्ति उचित सिद्धि के साथ 5 मुखी रुद्राक्ष धारण करता है, वह व्यक्ति सभी क्षेत्रों में असाधारण हो जाता है।
बुद्धिमत्ता, शक्ति, व्यापार, धन, शिव के प्रति भक्ति, सौंदर्य, गंध, स्पर्श, शब्द, माता-पिता पत्नी बेटों के प्रति समर्पण, सत्य, प्रेम आदि ये सब भगवान शिव से उसे वरदान में मिलते हैं। “ये केवल मेला नहीं – शिव शक्ति का पावन अवसर था “
5 मुखी रुद्राक्ष भगवान शिव को इतना प्रिय क्यों है
- 1. भगवान कालाग्नि रुद्र का प्रतिनिधित्व करता है: 5 मुखी रुद्राक्ष कालाग्नि रुद्र से जुड़ा है, जो भगवान शिव का एक उग्र रूप है। यह अज्ञानता को नष्ट करता है और जीवन में शुद्धि व सकारात्मकता लाता है।
- 2. भगवान कालाग्नि रुद्र का प्रतिनिधित्व करता है: 5 मुखी रुद्राक्ष कालाग्नि रुद्र से जुड़ा है, जो भगवान शिव का एक उग्र रूप है। यह अज्ञानता को नष्ट करता है और जीवन में शुद्धि व सकारात्मकता लाता है।
- 3. भगवान कालाग्नि रुद्र का प्रतिनिधित्व करता है: 5 मुखी रुद्राक्ष कालाग्नि रुद्र से जुड़ा है, जो भगवान शिव का एक उग्र रूप है। यह अज्ञानता को नष्ट करता है और जीवन में शुद्धि व सकारात्मकता लाता है।
कुंभ में महामृत्युंजय यंत्र में अभिमंत्रित – यह 5 मुखी रुद्राक्ष क्यों धारण करना चाहिए
– बुद्धि और ध्यान में वृद्धि
– रिश्तों में सामंजस्य
– आंतरिक शक्ति और इच्छाशक्ति
– भगवान शिव के प्रति गहरी भक्ति
– व्यापार और धन में वृद्धि
– शांति, उपचार और नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा
“ये केवल रुद्राक्ष नहीं – कुंभ 2025 में शिव शक्ति का पावन स्पर्श है”
5 मुखी रुद्राक्ष धारण करें और भगवान शिव का आशीर्वाद पाएं
महाकुंभ 12 वर्ष में आयोजित किया जाता है।
कुंभ मेले की उत्पत्ति समुद्र मंथन से हुई थी।
महाकुंभ में स्नान करने से लोगों को पापों से मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति होने की मान्यता है।
शाही स्नान, कुंभ मेले का एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है, जो आध्यात्मिक शुद्धि का प्रतीक है
ये मौका बहुत सालों में एक बार आता है – आपका योग बन रहा है !
सीमित स्टॉक। ऊर्जायुक्त रुद्राक्ष केवल कुछ समय के लिए उपलब्ध हैं।
रुद्राक्ष और महामृत्युंजय यंत्र की शक्ति से अपने जीवन की रक्षा करें और उसे उन्नत करें।
रुद्राक्ष खरीदने से पहले जानें ये बातें
हां, यह सभी के लिए उपयुक्त है – पुरुष, महिलाएं और यहां तक कि बच्चे भी। उम्र, लिंग या धर्म के आधार पर कोई प्रतिबंध नहीं है।
हां। प्रत्येक रुद्राक्ष को कुंभ 2025 में वैदिक अनुष्ठानों द्वारा महामृत्युंजय यंत्र में उचित रूप से सिद्ध (सक्रिय) किया गया है।
आप इसे माला (हार), कंगन के रूप में पहन सकते हैं या इसे अपनी जेब या पूजा स्थल में रख सकते हैं।
ऑर्डर आमतौर पर पूरे भारत में 5-7 कार्य दिवसों के भीतर वितरित किए जाते हैं। भेजे जाने के बाद ट्रैकिंग विवरण साझा किए जाएंगे।
हां। हम केवल प्रामाणिक वैदिक अनुष्ठानों द्वारा सक्रिय 100% प्राकृतिक और प्रयोगशाला-प्रमाणित रुद्राक्ष माला प्रदान करते हैं।